नशे हजार है गालों पर सदाबहार है! नशे हजार है गालों पर सदाबहार है!
उसका हाथ थाम मैं चला गया परिवार के बिन रहना अकेले मंज़ूर ना था। उसका हाथ थाम मैं चला गया परिवार के बिन रहना अकेले मंज़ूर ना था।
बैठ तो सही थोड़ा थम के क्यों ज़िंदगी को रेस बनाये फिरता है। बैठ तो सही थोड़ा थम के क्यों ज़िंदगी को रेस बनाये फिरता है।
न थे गम के करीब जज़्बात मेरे पहले ऐसा क्यूँकर लगा ना था। न थे गम के करीब जज़्बात मेरे पहले ऐसा क्यूँकर लगा ना था।
लम्हा - लम्हा ये जिंदगी, दर्द बड़ा ही देती है। लम्हा - लम्हा ये जिंदगी, दर्द बड़ा ही देती है।
'जाम खुशियो के अब पीना चाहता हूॅ, ऐ जिंदगी सुन तुझे अब जीना चाहता हूॅ।' जिंदगी के बचे पालो को ख़ुशी स... 'जाम खुशियो के अब पीना चाहता हूॅ, ऐ जिंदगी सुन तुझे अब जीना चाहता हूॅ।' जिंदगी क...